• विकास एक जीवनपर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है।
  • विकास लचीला होता है. तात्पर्य:  व्यक्ति अपनी पिछली विकास दर की तुलना में किसी विशिष्ट क्षेत्र में अपेक्षाकृत आकस्मिक रूप से अच्छा सुधार प्रदर्शित कर सकता है.
  • विकास बहुआयामी होता है. कुछ क्षेत्रों में यह बहुत शीघ्र वृद्धि को दर्शाता है। जबकि कुछ सत्रों में यह धीमी गति से होता है।
  • विकासात्मक परिवर्तन मात्रात्मक और गुणात्मक हो सकते हैं। मात्रात्मक : आयु के साथ कद बढ़ जाना। गुणात्मक : नैतिक मूल्यों का निर्माण

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  • विकासात्मक परिवर्तनों में प्राय: परिपक्वता में क्रियात्मकता के स्तर पर उच्च स्तरीय वृद्धि देखने में आती है।
उदाहरण:  शब्दावली के आकार और जटिलता में वृद्धि. इस प्रक्रिया में कोई कमी निहित हो सकती है.
 हद्दीयों घनत्व में कमी या वृद्धावस्था में याददाश्त चला जाना।
  • विकासात्मक परिवर्तनों की गति में व्यक्तिगत अंतर हो सकता है।  यह परिवेशीय प्रभाव के चलते अथवा अनुवांशिक घटकों के चलते हो सकते हैं। यह बच्चा अपनी आयु की तुलना में अत्यधिक जागरूक हो सकता है। वह कुछ बच्चों की विकास की गति बहुत धीमी होती है।
 उदाहरण कुछ बच्चे तीन शब्दों के वाक्य 2 वर्ष होने से पहले बोलना शुरू करते हैं। जबकि कुछ बच्चे 3 वर्ष में बोलना शुरू करते हैं।