• शारीरिक विकास
  • मानसिक विकास
  • संवेगीक विकास
  • क्रियात्मक विकास
  • सामाजिक विकास
  • भाषाई विकास
◆शारीरिक विकास
  • शारीरिक विकास में शरीर के बाह्य परिवर्तन होता है. कद बढ़ना .  इसमें जिस प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
  • पर शरीर के आंतरिक अव्यवो के परिवर्तन बाह्य रूप से नहीं दिखाई पड़ते पर इनका समुचित विकास होता रहता है। वह शरीर के भीतर होता है ।

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◆ सावेगीक विकास (भावनिक) (इमोशनल)
  • ऐसी अवस्था जो व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करती है।
  • संवेग को भाव भी कहा जा सकता है।
  • क्रोध, भय, आश्चर्य, घृणा, खुशी, स्नेह यह सभी भाव के उदाहरण है।
◆ मानसिक विकास (संज्ञानात्मक) (कॉग्निटिव और मेंटल)
  • बालक विभिन्न प्रकार की समस्याओं को सुलझने में अपनी मानसिक शक्ति का उपयोग कर सकता है।
  • यह भाग बालक की उन सभी मानसिक योग्यता एवं क्षमताओं में वृद्धि और विकास से है।
◆क्रियात्मक विकास (मोटर डेवलपमेंट)
  • अर्थ: व्यक्ति की कार्य करने की शक्तियों योग्यताओं का विकास.
  • क्रियात्मक शक्तियों, योग्यताओं कहा जा सकता है। शारीरिक ऐसी गतिविधियां जिन को संपन्न करने के लिए मांसपेशियों और तंत्रिकाओ की गतिविधियों के संयोजन की आवश्यकता होती है।। उदाहरण चलना, बैठना
◆ सामाजिक विकास (सोशल डेवलपमेंट)
  • समाज के अंतर्गत रहकर विभिन्न पहलुओं को सीखना।
  • समाज में रहकर अच्छा व्यवहार और अच्छा चरित्र निर्माण करना।